Sunday, April 29, 2012

दाती संकट मोचक योजना-पाली

किसी भी राष्ट्र,राज्य या जिले की स्वास्थ्य की स्थिति की समीक्षा करते समय तथा वहाॅं के लोगों के स्वास्थ्य का स्तर जानने के लिये कुछ स्वास्थ्य संकेतकों की समीक्षा की जाती हेै तथा उनमें एक महत्वपूर्ण संकेतक ’’ मातृ मृत्यु दर ’’ होता है। अतः यह आवश्यक है कि क्षेत्र की मातृ मृत्यु दर यदि कम होती है तो उस क्षेत्र को बेहतर स्वास्थ्य वाला क्षेत्र माना जाता है। उसी के मध्यनजर पाली जिले में भी मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिये विभिन्न स्तरों पर तरह तरह के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रशिक्षित सेवाप्रदाताओं द्वारा प्रसव कराना तथा गुणवत्तापूर्ण सेवायें प्रदान करना, समय समय पर प्रसवपूर्ण सेवायें प्रदान करना,चिकित्सा संस्थानों पर 24 घंटे प्रसव सेवायें उपलब्ध करवाना, आपातकालीन प्रसव सेवायें उपलब्ध करवाना,सुरक्षित गर्भपात सेवायें प्रदान करवाना,चिकित्सा संस्थानों पर प्रभावी पहुॅंच सुनिश्चित करवाना,संस्थागत प्रसव को बढावा देना आदि सेवायें सरकार अपने स्तर पर उपलब्ध करवा रही हैं साथ ही मातृ मृत्यु को रोकने के लिये आम जन का सहयेाग लिये जाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं। आवपश्यकता इस बात की है कि महिला के परिवार के सदस्य एवं गांव के सभी लोग इस बाबत जागरूक हों कि आपातकालीन स्थिति में महिला को सही समय पर एवं सही चिकित्सा संस्थान में विशेषज्ञ चिकित्सक के पास लेकर जायें ताकि समय पर महिला उपचार हो सके तथा महिला को मरने से बचाया जा सके।
                इसी भाव से प्रेरित होकर जिला प्रशासन ,पाली तथा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग,पाली द्वारा श्री शनिधाम ट्रस्ट,आलावास जिला पाली के सहयेाग से एक अभिनव योजना प्रारम्भ करने का निर्णय किया गया है,जिसका नाम होगा ’’ दाती संकट मोचक योजना-पाली ’’,इस योजना के नाम के अनुसार किसी भी महिला को सम्पूर्ण गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के दौरान तथा प्रसव के डेढ माह तक ऐसी आपातकालीन स्थिति में यदि किसी व्यक्ति द्वारा सही समय एवं सही चिकित्सा संस्थान पर कोई व्यक्ति लेकर जाता है तो तुरन्त उसका उपचार किया जा सकता है तथा उस सम्भावित मातृ मृत्यु को होने से बचाया जा सकता है अर्थात ऐसी स्थिति में महिला की जान बचाने में सहयेाग करने वाला व्यक्ति उस महिला के मृत्यु के संकट को रोकने में सहयेागी बन जाता है यानि उसका संकट मोचक बन जाता है।एसे संकट मोचक व्यक्ति को श्री शनिधाम ट्रस्ट,आलावास की ओर से 11000 रूपये का नगद पुरस्कार भी देने का प्रावधान इस योजना के अंतर्गत किया गया है।

योजना के उद्देश्य ः-

             हांलांकि इस योजना का एक मात्र उद्देश्य मातृ मृत्यु को रोकना है,लेकिन इसके अतिरिक्त अन्य उद्देश्य भी इस योजना से जुड़े हुये हैं,जो निम्नानुसार हैं ः-

1. जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करना।
2. आम जन में मातृ मृत्यु के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना।
3. महिला में होने वाले सम्भावित खतरों को सही समय पर पहचानने हेतु जागरूकता उत्पन्न करना।
4. मातृ मृत्यु को रोकने में स्वयंसेवी संगठनों का सहयेाग प्राप्त करना।
5. महिलाओं में सम्पूर्ण गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के दौरान तथा प्रसव के डेढ माह तक विश्ेाष देखभाल   के बारे में लोगों को जागरूक करना।

कोैन हो सकता है महिला के लिये संकट मोचक ः-

1.    चिकित्सा विभाग का कोई भी कार्मिक यथा चिकित्सा अधिकारी,नर्सिंग स्टाफ,ए.एन.एम.,एल.एच.वी.,वार्ड बाॅय,वार्ड लेडी,टैक्नीशियन,वाहन चालक आदि।
2.    गांव में कार्यरत कोई भी सरकारी या गैर सरकारी संस्थान का कर्मचारी अधिकारी।
3.    गांव का कोई भी जनप्रतिनिधी या स्वयंसेवी संगठन का सदस्य।
4.    आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,आशा सहयोगिनी,सहायिका,साथिन,दाई आदि।
5.    गांव का कोई भी आम व्यक्ति।


योजना के अंतर्गत देय लाभ ः-

               योजना के अनुसार किसी भी महिला को सम्पूर्ण गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के दौरान तथा प्रसव के डेढ माह तक किसी भी आपातकालीन स्थिति में यदि किसी व्यक्ति द्वारा संकट मोचक के रूप में सही समय एवं सही चिकित्सा संस्थान पर वह व्यक्ति लेकर जाता है ताकि उसका तुरन्त उपचार किया जा सके तथा उस महिला की सम्भावित मातृ मृत्यु को होने से बचाया जा सके। यदि उस चिकित्सा संस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा यह प्रमाणित किया जावे कि ’’ यदि आज उस महिला को उनके पास नहीं लाया जाता तो हो सकता है कि महिला की मृत्यु हो जाती लेकिन उस व्यक्ति द्वारा सही समय पर इस चिकित्सा संस्थान पर लाने के कारण महिला की सम्भावित मृत्यु को रोकने में मदद मिली है ’’ । ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को संकट मोचक बनने पर श्री शनिधाम ट्रस्ट,आलावास द्वारा ग्यारह हजार रूपये का नगद पुरस्कार दिया जायेगा।

योजना हेतु आवेदन करने का प्रारूप ः-
           
                योजना के अंतर्गत प्ररस्कार राशि प्राप्त रकने हेतु संकट मोचक व्यक्ति को एक निर्धारित प्रपत्र में अपना आवेदन पत्र भरना होगा तथा आवेदन पत्र पर सम्बंधित चिकित्सा विशेषज्ञ से प्रामणपत्र हस्ताक्षरित करवा कर सम्बंधित चिकित्सा संस्थान के प्रभारी अधिकारी से प्रमाणित करना होगा तथा आवेदन पत्र जिला मुख्यालय पर भिजवाना होगा,जिसकी जांच मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा योजना के जिला नोडल अधिकारी करेंगंंे तथा आवेदन पत्र जिला कलक्टर,पाली को प्रस्तुत किया जायेगा,जिसका उनके द्वारा अनुमोदन होने पर पुरस्कार राशि ग्यारह हजार रूपये श्री शनिधाम ट्रस्ट, आलावास द्वारा प्रदान की जायेगी।

No comments:

Post a Comment