Sunday, April 17, 2011

कन्या जन्म ही उसके लिये वरदानबन जायेगा



पाली , 13 नवम्बर। पाली जिले में सोजत निवासी श्रीमती किरण कंवर ने नहीं सोचा था कि हेय दृष्टि से देखा जाने वाला कन्या जन्म ही उनके लिये वरदान बन जायेगा । श्रीमती किरण को शनिवार मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने धीनावास गांव में राजस्व शिविर के मौके पर
दाती सुमंगला योजना के तहत 6100 रूपये की राशि का चैक सौपा तो वे और उनकी जैसी मौजूद कन्या प्रसूताएं अभिभूत हो उठीं।

दाती सुमंगला योजना
  जिला प्रशासन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में तथा आश्वासन बाल ग्राम संस्था, आलावास , संचालित शनिधाम ट्रस्ट के आर्थिक सहयोग से शुरू की गई है। इसमें इसके तहत विभिन्न स्तरों पर कन्या एवं उसकी मां को आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। इस योजना से पहली बार श्रीमती सन्तोष एवं श्रीमती विमला को 2100-2100 रूपये की राशि प्रदान कर लाभान्वित किया जा चुका है। शनिवार को मुख्यमंत्री के मुख्य आतिथ्य वाले समारोह में श्रीमती मंजु गोस्वामी, श्रीमती सोइला, श्रीमती डिम्पल एवं लता कंवर सहित अन्य ऐसी प्रसूताएं गौरवान्वित होती रही जिन्हे योजना में सम्मलित किया गया है। आश्वासन बाल ग्राम की ओर से मां श्रद्घा की मौजूदगी में प्रोत्साहन राशि दी गई।
जिला कलेक्टर नीरज के.पवन की पहल पर शुरू की गई इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि के विभिन्न प्रावधान किये गये है। इसके तहत आवश्यक हैं कि शादी के समय स्त्री की उम्र 18 वर्ष या अधिक हो। साथ ही दम्पती की शादी के कम से कम 2 वर्ष बाद प्रथम संतान बेटी होने पर ही बेटी के नाम 2100रू0का किसान विकास पत्र दिया जायेगा। इसके साथ ही प्रसूता को 1000रू0की नगद सहायता प्रदान की जायेगी। उक्त दम्पती के ही प्रथम बेटी के जन्म के 3 वर्ष के बाद में यदि दुबारा भी बेटी का ही जन्म होता है तो दूसरी बेटी के नाम भी 5100रू0 का किसान विकास पत्र दिया जायेगा तथा प्रसूता को 1000रू0की नगद सहायता पुन: प्रदान दी जायेगी। दो से अधिक बच्चों वाले दम्पती योजना हेतु अपात्र होगें।प्रथम बेटी के जन्म के बाद अथवा दूसरी बेटी के जन्म के तुरन्त बाद पिता द्वारा नसबन्दी करवाने पर दम्पती को 5100रू0 का किसान विकास पत्र दिया जायेगा तथा महिला द्वारा नसबन्दी करवाने पर दम्पती को 3100रू0 का किसान विकास पत्र दिया जायेगा।
यही नहीं, उक्त बालिकाओं का जन्मोत्सव भी श्री शनिधाम ट्रस्ट के सहयोग से उनके निवास स्थान पर आयोजित किया जायेगा जिसमें जिला प्रशासन तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों तथा जनप्रतिनिधियों को आमन्त्रित किया जायेगा तथा सहायता राशि का चैक/बॉण्ड भी सुपर्द किया जायेगा। उक्त योजना का लाभ बेटे के जन्म पर देय नहीं होगा। ऐसे परिवारों को जिले में रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जायेगा ताकि अन्य लोग भी उनसे प्रभावित हो सकें तथा बेटी बचाओं अभियान एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम में अपना सक्रिय योगदान कर सकें।

दाती सुमंगला योजना
, पाली के प्रभावी क्रियान्वयन, मोनिटरिग एवं सुपरवीजन हेतु जिला स्तर पर एक जिला स्तरीय सलाहकार समिति का गठन किया जायेगा, जिसकी नियमित बैठक तीन माह में एक बार आयोजित की जायेगी। यह योजना10 नवम्बर 2010 से प्रभावी हो गई है।
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