Monday, March 10, 2014

महिला दिवस पर हुआ महिलाओं का सम्मान










अंतरराष्टï्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मिशनपूर्ण शक्ति एवं श्री शनिधाम ट्रस्ट मदर एनजीओ के तत्वावधान में श्री शनिधाम पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती मदन महाराज के शुभ सान्निध्य में 'बेटी है तो सृष्टिï हैÓ की तरफ बढ़ता एक और कदम। इस मौके पर समाज को नयी दिशा और निर्देशन देने वाली लगभग दर्जनभर महिलाओं को श्री शनिधाम ट्रस्ट द्वारा दाती महाराज की प्रेरणा से सम्मानित किया गया। वहीं दाती महाराज ने कहा कि 'बेटी है तो सृष्टिï हैÓ बिन कन्या के इस सृष्टिï की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। हर समय हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को याद रखते हुए उसे हमेशा आगे बढ़ाने का प्रयत्न करना चाहिए। हमारे ग्रंथों ने इस बात का उल्लेख किया है कि जिस घर में नारी की पूजा होती है वहां देवताओं का निवास होता है। इसलिए हमारे समाज में कन्या को देवी और बहुओं को गृहलक्ष्मी माना जाता है। लेकिन दहेज की कुप्रथा ने गृहलक्ष्मी के लिए अभिशाप बन गया है। मैं एक बार पुन: आप सबको याद दिलाना चाहता हूं कि दहेज रूपी दानव को जड़ से खत्म करने के लिए समाज के सभी लोगों को संकल्प के साथ आगे आना होगा कि हम न दहेज लेंगे और न देंगे। शनिधाम ट्रस्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर 51 महिलाओं को उनकी सहायतार्थ सिलाई मशीन भेंट की। 
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती रश्मि सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि श्री शनिधाम ट्रस्ट की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। राजस्थान में महिलाओं को जागरूक करने के लिए अनेक योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। खासकर जैसे - दाती सुमंगला योजना, दाती गरीब कार्ड, दाती संकट मोचन, बेटी बचाओ अभियान, मिशनपूर्ण शक्ति योजना के मदर एनजीओ भी है श्री शनिधाम ट्रस्ट, जो महिलाओं को सशक्तिकरण बनाने में अपनी सफल भूमिका निभा रहा है। वहीं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सुनिल गर्ग ने संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस युग में महिलाओं को कभी अपने से कमतर नहीं आंकना चाहिए। बेटी बचाओ के मुहिम में श्री शनिधाम ट्रस्ट पिछले कई सालों से तन-मन-धन से लगा हुआ है। इस अवसर पर जी-न्यूज के एंकर रुबिका कुरैशी, इंडिया टीवी के एंकर सुचारिता, श्रद्धा एमएच वन की एंकर उर्वशी जैन, फ्यूचर प्वांइट के डायरेक्टर आभा वंसल, पाश्र्वनाथ डवलपर्स के डायरेक्टर नुतून जैन, कृष्णा घी के एमडी मीना अग्रवाल, मेदांता अस्पताल के सीनियर सर्जन प्रीति जैन, एस.सी.एस.टी.सेल की डायरेक्टर के.डी. बंसौर, एम.एच न्यूज के असाइनमेंट हेड सुप्रिया बंसौर आदि को श्री शनिधाम ट्रस्ट ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर टीवोली ग्रुप के रोहित गुुप्ता, सीनियार आईएएस रमेश तिवारी, भूपेस सिंह, राजेश श्रीवास्तव, गीता चौपड़ा, रंजीत मलिक, मां श्रद्धा आदि गणमान्य लोग मौजूद थे।

Sunday, March 9, 2014

भूर्ण हत्या :-एक बेटी का सवाल

भूर्ण हत्या :-एक बेटी का सवाल 

माँ मुझे आने तो दो, कुछ गुनगुनाने तो दो 
मैं भी बेटे जैसा नाम करुँगी , बस एक बार 
अपनी बाँहों में लिपटकर मुस्कुराने तो दो 

माँ मैं भी पढ़ने जाउंगी ,तभी तो ''संध्या'' बन पाऊँगी 
तेरे सारे कामों को करके ,मैं राजा बेटा कहलाऊंगी 
पर माँ मुझे आने तो दो , कुछ कर गुजर जाने तो दो 
कितने वहशी जल जायेंगे ,एक बार इन नजरों को उठाने तो दो 

गोदी से उठकर जब ये नन्ही गुड़िया आँगन को आएगी 
देखते रह जाए सब इस चिडया को ये नभ मैं उड़ जायेगी 
नभ मैं रहकर भी मैं तेरा ही काम करुँगी ,कल्पना चावला 
बनकर मैं रौशन तेरा नाम करुँगी ,पर माँ मुझे आने तो दो 
ये चिडया भी चहक उठेगी ,बस एक बार खिलखिलाने तो दो 

माँ क्यों मार देते उस नन्ही बच्ची को जिसकी साँसे चलती है 
माँ मैं चीख भी नहीं पाती ,जब डॉक्टर कि कैंची चलती है 
सिर्फ एक बार माँ मुझे आने तो दो ,कई सवाल है ,इस दुनिया से 
इस गूंगी को भी अब इन बेशर्मों से कुछ जवाब अब पाने तो दो 

माँ मैं भी तो तेरी अंश हूँ ,फिर कैसे ये सब तू सह पाती है 
तेरी बेटी जो नाम करेगी ,जिन्दा ही मर जाती है /
माँ तुझसे बस एक प्रश्न है ,कब तक यूँ ही प्रथा चलाओगी 
सचमुच ये सब न बंद हुआ तो माँ तूं भी हत्यारन कहलाओगी 

(नोट-जब बेटी को कोंख में ही मार दिया जाता है ,
चिकित्सकों के अनुसार उस समय उसकी सासें चलती रहती है ,वो सारे
हरकतें करती है जो एक सामान्य बच्चा करता है ,वो भी डरती है ,वो भी खेलती है 
अतः आपसे निवेदन बंद करे भूर्ण हत्या जैसी गन्दी प्रथा को )